tag:blogger.com,1999:blog-7734631965354034291.post5899370423868140542..comments2023-10-31T06:06:40.022-07:00Comments on gidhh: बाबा की माया और जिज्जी के रामअमिताभ क. बुधौलियाhttp://www.blogger.com/profile/17802730884589219696noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-7734631965354034291.post-17142868432038215122011-06-10T03:45:16.118-07:002011-06-10T03:45:16.118-07:00Report · 4:15pmबहुत ही बढ़िया है....थोड़ा पंच और च...Report · 4:15pmबहुत ही बढ़िया है....थोड़ा पंच और चाहिए...व्यंग्य मारा और व्यंग्यात्मक शैली दोनों ही शब्दों का जिक्र नहीं होना चाहिए ये तो व्यंग्य से स्वतः ही निकलना चाहिए। लेकिन सही दिशा में बढ़ रहे हो जरा से प्रयास से खासे व्यंग्य लिख सकते हो ....बधाई....अनुज खरेhttps://www.blogger.com/profile/11478561016901833077noreply@blogger.com