गुरुवार, 19 नवंबर 2009

प्रदीप खरब (फिल्म अभिनेता)



खुशी है इस ‘इडियट’ को सबने सराहा
अमिताभ फरोग
दो ‘सुपर सितारों’ के बीच खुद की ‘चमक ढूंढना’ अत्यंत जोखिमभरा और कठिन प्रयास होता है। यह ऐसा कार्य होता है, जिसमें ‘करियर फिसलने’ की आशंका निरंतर बनी रहती है। अभिनेता प्रदीप खरब भी ‘अजब प्रेम की गजब कहानी’ में अपने रोल को लेकर आशंकित थे। उन्हें डर था कि; कहीं वे रणबीर कपूर और कैटरीना कैफ की जोड़ी के बीच ‘इडियट’ साबित न हो जाएं, लेकिन अब वे अपने डिसीजन पर बेहद खुश हैं। उभरते सितारे प्रदीप खरब शेयर कर रहे हैं कुछ बातें...

प्योर कॉमेडी तड़के से तैयार ‘अजब प्रेम..’ के निर्देशक राजकुमार संतोषी की छवि ‘सीरियस-सोशल’ फिल्ममेकर की मानी जाती रही रही है। सामाजिक बुराइयों के प्रति ‘उत्तेजना’ पैदा करने वाले घायल, दामिनी और लज्जा जैसे सिनेमा के जनक संतोषी के ‘अजब प्रेम..’ के रूप में ‘नए प्रयोग’ में स्वयं को खरा साबित करना प्रदीप खरब के लिए एक कड़ी चुनौती थी। प्रदीप खुलासा करते हैं-‘खोया-खोया चांद हो या एक: द पॉवर ऑफ़ वन या फिर फैशन; मैंने विविध शेड के किरदार किए, लेकिन एक इडियट का रोल प्ले करना इन सबसे बेहद अलग-अनूठा और चुनौतीपूर्ण कार्य था। शुरुआत में कुछ आशंकित था कि; क्या पुरानी छवि के इतर दर्शक मुझे इस शेड में पसंद करेंगे भी या नहीं? दरअसल, यह रोल थोड़ा मुश्किल था। इसके लिए ईगो को साइड में रखकर काम करना था। मैं बहुत खुश हूं कि; मैं सफल रहा। मैं खुद को अत्यंत लकी भी मानता हूं, जो मैंने इस अपोरचुनिटी को स्वीकार किया।’
‘अजब प्रेम...’ में प्रदीप ने टॉनी का रोल प्ले किया है। प्रदीप खुशी जताते हैं-‘मुझे अच्छा लगा कि; रणबीर और कैटरीना के बीच मैं अपनी चमक बिखरेने में सफल रहा। जाने भी दो यारो...जैसी बेमिसाल फिल्म के निर्देशक कुंदन शाह ने मेरे काम को सराहा। कॉमेडी सिनेमा पर खासी पकड़ रखने वाले नीरज वोरा को भी मेरा अभिनय पसंद आया। इससे बड़ा अचीवमेंट और काम्प्लीमेंट मेरे लिए क्या हो सकता है! ओवरल ऑल मैं इडियट बनकर बेहद खुश हूं।’
प्रदीप निर्देशक संतोषी के ‘अजब-गजब क्राफ्ट’ की प्रशंसा करते हुए बोलते हैं-‘संतोषीजी का विजन एकदम क्लियर होता है। उन्हें क्या करना है, कैसे कराना है, इसे लेकर वे कभी कन्फ्यूज्ड नहीं दिखते। उन्हें फिल्म क्राफ्ट की गहरी सोच-समझ है। वे जब तक किसी कार्य से संतुष्ट नहीं होते, उसे निरंतर करते रहते हैं। मैं तो यही मानता हूं कि; मैं सही हाथों में था।’
प्रदीप खरब ने मधुर भंडारकर के संग ‘फैशन’ और सुधीर मिश्रा के निर्देशन में ‘खोया-खोया चांद’ भी की है। प्रदीप दोनों को लेकर अपनी विचार व्यक्त करते हैं-‘सुधीरजी इंस्टीट्यूशन हैं। उनके संग काम करने का मतलब है, आप परफेक्ट आउटपुट दे पाएंगे। जहां तक मधुरजी की बात है; वे बहुत ईजी-वे कार्य करते हैं।’
करीब 6 फुट हाइट के प्रदीप देश के चर्चित मॉडल्स में भी शुमार हैं। ‘ऐसे में जबकि कुछेक को छोड़कर ज्यादातर मॉडल्स एक्टिंग में असफल साबित हुए हैं; प्रदीप खुद के बारे में क्या सोचते हैं?’ वे दो टूक कहते हैं-‘एज ए मॉडल लोग मुझे कितना जानते हैं, यह तो पता नहीं; लेकिन मैं खुद को एक्टर मानता हूं, मॉडल नहीं।’
संजय लीला भंसाली, फरहान अख्तर, विशाल भारद्वाज जैसे फिल्मेकर्स से इम्प्रेस प्रदीप कहते हैं-‘इन्होंने फिल्म मनोरंजन को एक नई सोच दी है। पिछले दिनों मैं हॉलीवुड गया था, विशालजी का कार्य वहां भी खूब पसंद किया जाता है।’ अपनी क्षमताओं पर प्रदीप स्पष्ट करते हैं-‘मैं किसी एक इमेज में बंधना पसंद नहीं करूंगा। कोशिश है, अलग-अलग शेड के किरदार मिलें।’
खरब को एक्टिंग की बारीकियां सिखाने वालों में भोपालवासी विनोद थारानी भी शामिल हैं।

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