गुरुवार, 2 अगस्त 2012

चलती नहीं जो ठीक से; वो सरकार गिराई जाए


चलती नहीं जो ठीक से; वो सरकार गिराई जाए।
इस हिंदुस्तान में फिर से; नई सरकार बनाई जाए।।

समझिए अपने वोट की ताकत; जनता-जर्नादन।
संसद छोड़ो नकारा सांसदो! यह हुंकार उठाई जाए।

स्वयं को समझने लगे; जो वीआईपी और हमें दोयम।
उन्हें उनकी औकात पर लाने की मुहिम उठाई जाए।

अकेले अन्ना नहीं बदल पाएंगे; इस मुल्क की तकदीर।
हिंदुस्तान के घर-घर से; क्रांति की अलख जगाई जाए।

जो खा-खाकर देश का माल मुटिया गए हैं बेशर्म नेता। सरेआम बेइज्जत करो; फिर गर्दन धड़ से उड़ाई जाए।

बेकार के चोचलों और भाषणों से कुछ नहीं बदलेगा।
बनो निडर हाथों में फिर बंदूक-तलवार उठाई जाए।
अमिताभ क. बुधौलिया

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