बुधवार, 6 अगस्त 2008

जिनमें है कुछ कर गुजरने का जूनून वे इसे जरूर पढ़ें

आलोक सांवल, एक ऐसा नाम, जिसने मात्र 35 वर्ष की उम्र में एक अखबार की परिकल्पना करने से लेकर उसे देखते ही देखते उस खास कैटेगरी में देश का नंबर एक अखबार बना डाला। और इस परिघटना और ट्रेंड के लिए उनका नाम न सिर्फ हिंदी मीडिया बल्कि संपूर्ण मीडिया जगत में जाना जाता है। समकालीन पत्रकारिता पर जब कभी लिखा जाएगा तो उसमें आई-नेक्स्ट व आलोक सांवल की जरूर चर्चा होगी। आलोक सांवल का इंटरव्यू भड़ास ने प्रकाशित किया है।

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