किसी से मत पूछो
कैसे हैं हालात देश के मत पूछो।
सभी हुए गद्दार किसी से मत पूछो।।
मिटता है मिट जाए वतन से क्या लेना।
सर्वोपरी है स्वार्थ किसी से मत पूछो।।
मरता है कोई भूख से हमको क्या लेना।
हम हों मालामाल किसी से मत पूछो।।
बच्चे थे मायूस, हे भगवन कौन सुने।
गायब था प्रसाद किसी से मत पूछो।।
न समझे हम ताकत अपनी यकीं करो...
क्या होगा अंजाम, किसी से मत पूछो॥
अमिताभ बुधौलिया 'फरोग'
3 टिप्पणियां:
सही कह रहे हैं ।
घुघूती बासूती
badhiya
मिटता है मिट जाए वतन से क्या लेना।
सर्वोपरी है स्वार्थ किसी से मत पूछो।।
कितनी सच्ची मगर कड़वी बात....काश ऐसा ना हो लेकिन ऐसा है...
नीरज
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