क्या है मोनिका के दिल में?
अमिताभ फरोग
रियलिटी शो की टीआरपी विवादों पर निर्भर करती है। यह पहला मौका नहीं है, जब कलर्स चैनल के चर्चित शो बिग बॉस को लेकर देशभर से प्रतिक्रियाएं आई हैं। इससे पहले भी बिग बॉस राखी सावंत की उलूल-जुलूल हरकतों के कारण आलोचना का शिकार बना था। आलोचनाएं और विवाद कार्यक्रम निर्माताओं के लिए मुनाफे का सौदा होते हैं। येन-केन प्रकारेण रियलिटी शो को विवादों में बनाए रखने स्क्रिप्ट तक लिखी जाती हैं। यह निश्चय ही आश्चर्य की बात है कि दो-तीन महीने में ही कलर्स चैनल की टीआरपी जबर्दस्त हो गई है। प्राइम टाइम के दौरान तो जैसे दूसरे चैनल गौण-से साबित हुए हैं।
बहरहाल, यहां मुद्दा बिग बॉस के विवादों में आने का है। समूचा विवाद राहुल, मोनिका, पायल रोहतगी और कुछ हद तक संभावना सेठ के इर्द-गिर्द ही घूमता देखा जा सकता है। संभावना सेठ उतनी प्रतिभाशाली कभी नहीं रहीं, जितना वो जताती हैं। बिग बॉस के घर में पायल रोहतगी, राहुल महाजन, सैयद जुल्फी, केतकी दवे जैसी चर्चित हस्तियों के बीच रहते हुए वे सदैव कुंठाओं में जीती रहीं। शायद यही वजह रही उन्होंने 50 लाख रुपए के मोह में सारे आचारिक और वैचारिक बंधन तोड़ डाले। पिछले साल जब संभावना पहली बार रीमिक्स म्यूजिक वीडियो आजकल तेरे मेरे प्यार के चर्चे में अपने अनाकर्षक तन की नुमाइश करती नजर आईं, तो फिल्म पंडितों ने उन्हें बॉलीवुड की नई सेक्स बम तक कह डाला था।...और जब वे सुभाष घई कृत 36 चाइना टाउन में उपेन पटेल के संग आशिकी में तेरी...गीत पर ठुमके लगाती देखी गईं, तो उनकी तुलना मल्लिका शेहरावत से तक कर दी गई। यह दीगर बात है कि अगर संभावना बिग बॉस के घर की मेहमान न बनतीं, तो शायद उन्हें मुट्ठीभर से ज्यादा लोग नहीं जान पाते। संभावना छोटे कद के बड़े स्टार राजपाल यादव की अंडरट्राइल में भी मौजूद थीं, लेकिन यह फिल्म भी संभावना को आइटम डांसर की छवि से छुटकारा नहीं दिला सकी। संभावना ने भोजपुरी फिल्मों में भी खूब ठुमके लगाए हैं। जाहिर है कि बिग बॉस के घर में आने का उनका मकसद एकदम स्पष्ट था कि वे घर-घर पहचानी जाएं और उनकी ब्रांड वैल्यू में कुछ हद तक ईजाफा हो। यह कड़वा सच है कि जब कुछ लोग स्वार्थ और लालचवश एक जगह इकट्ठा होते हैं, तो शनैः-शनैः उनके होंठों पर खेलती मुस्कान व्यंग्यात्मक और उपहासमयी होती चली जाती है। रियलिटी शो बिग बॉस भी इसी परिपाटी से बंधा हुआ है। यहां भी माया का जाल घर में फूट डाल रहा है। निश्चय है कि यह खेल इस घर के ज्यादातर लोगों के भीतर एक-दूसरे के प्रति कड़वाहट भर देगा...और यह भी संभव है कि शो की समाप्ति पर ये एक-दूसरे का मुंह तक देखना पसंद न करें!
यहां यह प्रश्न भी उठना बाजिव है कि जब भी कोई सदस्य घर से बेघर होता है, तो शुक्रवार को शिल्पा शेट्टी उसे विदा करती हैं और शनिवार को पूजा बेदी विशेष साक्षात्कार के तहत उसके अनुभव शेयर करती हैं, लेकिन संभावना सेठ की सूखी विदाई हुई, क्यों? आखिर ऐसी क्या वजह रही कि संभावना को इस सम्मान का हकदार नहीं समझा गया?
उधर, पायल, राहुल और मोनिका का त्रिकोणीय प्रेम प्रसंग भी नए मोड़ पर आ गया है। यह भी संभव था कि अगर राहुल और पायल बिग बॉस के घर में न आते तो उनके रिश्ते मधुर बने रहते। मोनिका की घर से विदाई और फिर वापसी राहुल के चाल-चरित्र की त्रुटियों को उभार दिया है। जिस मकसद को लेकर राहुल बिग बॉस के मेहमान बने थे, वे उससे भटक चुके हैं। राहुल का बिग बॉस के घर आना महाजन परिवार के लिए निश्चय ही दुःखद साबित होगा। भाजपा के कद्दावर नेता दिवंगत प्रमोद महाजन के लिए इससे बडी विडंबना और क्या होगी, कि उनकी सांसें उनके भाई ने छीनीं और बेटा टेलीविजन पर उनकी इज्जत की छीछालेदर करा रहा है। 3 मई, 2006 को प्रमोद महाजन ने इस दुनिया को अलविदा बोला था, उसके ठीक एक महीने बाद यानी 3 जून, 2006 को राहुल कोकीन को ओवरडोज के चलते अस्पताल में भर्ती कराए गए थे। संभव है कि राहुल की हरकतों से प्रमोद भली-भांति वाकिफ रहे हों, लेकिन एक जननायक के लिए अपने बेटे की करतूत छिपाना मजबूरी होती है, खासकर तब, जब विरोधी पार्टी चौकन्नी होकर उसकी हर हरकत पर नजर रख रही हो। प्रमोद की मुस्कराहट के पीछे का दर्द शायद किसी को नजर नहीं आया। क्योंकि क्या यह संभव है कि किसी पिता का बेटा कोकीन जैसे घातक नशे का आदी हो और उसे पता तक न चले? प्रमोद महाजन भाजपा के नींव के पत्थर थे, लेकिन यह अंदर से कितना कमजोर रहा होगा, इसे कभी नहीं समझा जा सकेगा।
राहुल का चाल-चरित्र शायद ही कभी ठीक-ठाक रहा हो, क्योंकि बिग बॉस के घर में वे जैसा बर्ताव कर रहे हैं, वह दो-चार दिन में तो कभी नहीं पनप सकता। विशेषकर तब, जब राहुल को पता है कि उनकी हर हरकत टेलीविजन के माध्यम से घर-घर दिखाई जा रही है। यकीनन अगर राहुल के परिजन उनसे संपर्क कर पाते, तो वे उन्हें फौरन वापस बुला लेते, लेकिन शो की शर्तों और नियम के चलते ऐसा संभव नहीं है। राहुल कितने बडे दिलफेंक हैं, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि श्वेता सिंह से उनका ब्याह दो-ढाई साल में ही टूट गया। 29 अगस्त, 2006 को राहुल की शादी हुई थी। ऐसा कहा जा रहा था कि राहुल और श्वेता एक-दूसरे को करीब 13 साल से जानते हैं। बचपन के इस प्यार में दरार क्यों आई, बिग बॉस देखकर स्पष्ट हो जाता है। पायल रोहतगी राहुल को प्यार करती थीं, उनकी आंखें इसे कभी छिपा नहीं पाईं। राहुल भी इस सच को कभी ठुकरा नहीं पाए। इसी पहली अगस्त को राहुल और श्वेता के बीच तलाक हुआ है। संभावना जताई जा रही थी कि इस शो से निकलने के बाद राहुल और पायल शादी कर लेते, लेकिन मोनिका इस रिश्ते में आड़े आ गईं। हालांकि यह जगजाहिर हो चुका है कि राहुल के दिल में अब पायल के बजाय मोनिका बसेरा कर चुकी हैं, लेकिन क्या यह प्यार परवान चढेगा, इसे लेकर भी किसी को कोई भरोसा नहीं है। इस अविश्वास की वजहें स्प्ष्ट हैं। अब सवाल यह उठता है कि जब मोनिका को मालूम है कि राहुल दिलफेंक आशिक हैं, तो फिर उन्होंने राहुल को नॉमिनेट क्यों नहीं किया?
एक कहावत है-चोर चोरी से जाए, हेराफेरी से नहीं! यह कहावत मोनिक पर सटीक बैठती है। दरअसल, हाल में अबू सलेम ने मोनिका को नोटिस भेजा है। मोनिका सलेम की ब्याहता हैं या नहीं, इसे लेकर संशय हो सकता है, लेकिन प्रेमी युगल रहे हैं, यह जगजाहिर है। संभव है कि अब मोनिका सलेम से अपना पिंड छुडाना चाहती हों और राहुल जैसा ऊंची पहुंच वाला लड़का दूसरा उन्हें कोई नजर नहीं आया हो? संविधान में भले ही अपने स्वार्थ के लिए किसी मूर्ख की भावनाओं का फायदा उठाना गुनाह न हो, लेकिन सामाजिक तौर पर यह निंदनीय है। शायद मोनिका इस योजना के तहत राहुल को झेल रही हों?
6 टिप्पणियां:
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समाचार तो खैर अपनी जगह है लेकिन समाचार से साथ जो विचार व्यक्त किए है आपने वे बहुत सटीक हैं
सही लिखा है आपने ..सब अपना ही राग गा रहे हैं यहाँ और सब अपने स्वर्थों से जकडे हुए हैं ..
इस तरह के कार्यक्रमों या कोन्सेप्ट में मेरी कोई अभिरुचि नही,सो देखने जानने का कभी प्तायास ही नही करती.क्या कहूँ?
आप ने मेरे मन की बात लिख दी...राहुल जो बिग बास में कर रहा है उसे देख कर कोई भी सभ्रांत परिवार शर्म से आँखें झुका लेगा...इतने बड़े नेता का बेटा और इतनी ओच्छी हरकतें...राहुल जैसा की बिग बास में दिखाई देता है एक निहायत ही उथले व्यक्तित्व का स्वामी है...उसके लगातार टांग हिलाने से ये स्पष्ट हो जाता है की उसकी सोच एक जगह पर नहीं रहती...बहुत बैचैन प्रवर्ती का लड़का लगता है... हो सकता है की प्रमोद जी अपनी राजनीती को चमकाने के चक्कर में एक अच्छे पिता साबित ना हुए हों...फ़िर भी राहुल को अपने परिवार की मर्यादा का सम्मान करना चाहिए...उससे अधिक सुलझी और ठहरी हुई मोनिका बेदी हैं..
नीरज
Amitabhji fuhar manoranjan k bigg boss par itna kuch likhna apna kimti samay barbad karna hai. ye sab TRP ka khel hai, hum sab jante hain,jahan tak Rahul Mahajan ka sawal hai, shayad wah apni political Leader ki image se mukt hona chah rahe ho.
Naresh Bhaoria
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