शनिवार, 6 सितंबर 2008

पहचान कौन?

भोपाली पत्रकार साथियो,
ये सभी वो पत्रकार हैं, जिन्होंने कुछ हटकर काम किया है। वे मिसाल बने, वे कमाल बने...सो स्वाभाविक है कि इनसे हम हर मोर्चे पर जीतने और सफलता का परचम फहराने का हुनर सीख सकते हैं।

1
दुनियादारी की चिंता की जिनको नहीं फिकर।
हेल्थ-धर्म की बीट देखते, सेहतमंद फिगर।
जिंदादिल इंसान, हंसाकर कर देते हैं पस्त।।
जागरण की नौकरी करते हैं, रहते हरदम मस्त।।
जीवन में हंसते रहने का सीखो इनसे मंत्र ...

2
ऊंची जिनकी साख है, अजय हैं जिनके शब्द।
देख ’चकल्लस‘ उनकी सारे हो जाते हैं निःशब्द।।
जीवटता की मिसाल हैं, कर्मशील इनसान।
नवदुनिया की बढ़ा रहे हैं वर्षों से ये शान।।
इन्हीं पंक्तियों में ढूंढों, इस आदर्श का नाम...

3
जर्नलिज्म की दुनिया में बहुत बड़ा है नाम।
नई सोच के पत्रकारों में श्रेष्ठ रहा है काम।।
अफसर-सा अंदाज है, लेकिन रहते हरदम कूल।
काम किया है संग जिसने भी, नहीं वो सकता भूल।।
नेम-सरनेम के बीच में जो, लिखते हैं कुमार...

4
हैं मराठी, ऊंची कद-काठी, बेहद शांत स्वभाव।
भास्कर में तोला करते थे, प्राइम प्रापर्टी के भाव।।
हेल्थ बीट या हो अपकंट्री, खूब किया है काम।
सोसायटी में साख बढ़ी, पर बहुत सरल इंसान।
नागपुर रिटर्न, नई पारी की तैयारी...

अमिताभ बुधौलिया 'फरोग'

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