शुक्रवार, 25 सितंबर 2009

डस्की डॉल पारुल चौहान

ब्लैक; कान्फिडेंस भी लाता है

अमिताभ फ़रोग
ब्लैकअंधेरे और शक्ति दोनों का प्रतीक है। यह व्यक्ति पर निर्भर करता है कि वो उसे किस ऊर्जा के साथ आत्मसात करता है।स्टार प्लसके लोकप्रिय सीरियलविदाईमें सांवली-सलोनी रागिनी का किरदारजीरहीं पारुल इसका सशक्त उदाहरण हैं। टेलीविजन की चुनिंदा एक्ट्रेस में शुमार पारुल सोमवार को अपने सांवले-सलोने अंदाज में मुखातिब हुईं

ब्लैक कुर्ती; ब्लैक जींस और इसी रंग के लांग बूट यानी टोटल वेस्टर्न आउटफिट में रंगीं पारुलब्लैकको कुछ यूं परिभाषित करती हैं-‘यह व्यक्ति के नजरिये पर निर्भर करता है कि वो; इसे कैसे अपनाता है? किसी को गोरापन पसंद है, तो कोई डस्की लड़कियों को अधिक तवज्जो देता है। बिपाशा बसु डस्की हैं, लेकिन उन्होंने अपने टैलेंट और कान्फिडेंस के बूते फिल्म इंडस्ट्री में एक विशिष्ट मुकाम हासिल किया। मैं डस्की हूं, इस पर मुझे गर्व है; क्योंकि इसी रंग की बदौलत लोग मुझे पहचान रहे हैं-सम्मान दे रहे हैं। कभी किसी ने यह नहीं बोला कि; छि: यह लड़की काली है!’
विदाईकी रागिनी और पारुल के अंतर पर वे खूब बतियाती हैं-‘रागिनी का किरदार हिंदुस्तानी नारी का है, जो साड़ी में जंचती है। पारुल यानी मुझे इंडियन और वेस्टर्न दोनों आउटफिट पसंद हैं।अचानक सेलेब्रिटी बन जाना; जीवन में क्या बदलाव लाता है? इस सवाल पर पारुल मुस्कराती हैं-‘मैं उत्तरप्रदेश की रहने वाली हूं। वहां और मुंबई की लाइफस्टाइल में बहुत फर्क है, इसलिए जिंदगी में बदलाव तो आता है; लेकिन मैं जैसी पहली थी, वैसी ही आज हूं। जहां तक आउटफिट की बात है, तो मैं इस बात का विशेष ध्यान रखती हूं कि जिस शहर में जाऊं; मेरा पहनावा वहां के अनुरूप/अनुकूल हो।
जब विषयविदाईपर आकर ठहरता है, तो पारुल चहक-सी पड़ती हैं-‘दर्शकों के बीच यह सीरियल बहुत लोकप्रिय है। इसे दो साल हो गए हैं। हम पिछले दिनों यूके होकर आए हैं। वहां की भारतीय कम्यूनिटी में विदाई खूब पसंद किया जा रहा है। लोग टिकट लेकर हमसे मिलने आए।
वर्किंग टाइम को लेकर पारुल मुस्कराती हैं-‘मैंने लगातार 16 घंटे भी शूटिंग की है। जब मैं झलक दिखला जा...रियलिटी शो कर रही थी तब; मीरा रोड से अंधेरी तक 50 किलोमीटर तक गाड़ी खुद ड्राइव करके जाती थी। स्टूडियो में ही मेरे लिए अलग से बाथरूम का इंतजाम किया गया था, ताकि मैं वहीं से तैयार होकर सेट पर पहुंच जाऊं।क्या पारुल डांस करना सीख चुकी हैं? इस प्रश्न पर वे खिलखिलाती हैं-‘पहले अवश्य मुझे कई डांसिंग स्टेप करने में परेशानी होती थी, लेकिन जब झलक दिखला जा... रियलिटी शो किया; तब कोरियोग्राफर ने मेरे लिए बहुत परिश्रम किया। अब तो इंडियन-वेस्टर्न हर डांस स्टेप देखते ही उसे कॉपी कर लेती हूं।
गरबा स्टेपपर पारुल कान्फिडेंटली बोलती हैं-‘सच कहूं, तो मैंने कभी गरबा नहीं खेला। जिस सोसायटी में मेरा घर है, वहां नवरात्रि के दौरान थोड़ा-बहुत डांडिया कर लेती हूं।

कोई टिप्पणी नहीं: