सोमवार, 1 फ़रवरी 2010
पूछ बैठीं वैष्णवी ‘ये लावणी-शावणी क्या है?’
वैष्णवी तो आपको याद ही होंगी? 13 वर्ष पहले वैष्णवी ने दूरदर्शन के लोकप्रिय सीरियल ‘शक्तिमान’ में रिपोर्टर गीता का किरदार निभाया था। पिछले दिनों वैष्णवी ‘भोपाल उत्सव मेला’ में अपनी नृत्य प्रस्तुति देने आई थीं। कौन-सा नृत्य? मेला समिति ने पब्लिसिटी में यही प्रचारित किया था कि; वैष्णवी महाराष्ट्र का फोक डांस लावणी प्रस्तुत करेंगी! मराठी मानुष तयशुदा समय पर दशहरा मैदान पहुंचे, तो उन्हें आश्चर्य भी हुआ और गुस्सा भी आया। वजह? दरअसल, वैष्णवी ने लावणी नहीं; फिल्मी गानों पर ठुमके लगाए थे।
वैसे इसमें वैष्णवी बेकसूर थीं, क्योंकि यह ‘मजाक’ नासमझों की देन था। वैष्णवी का लावणी नृत्य से दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं है। मजेदार बात, वैष्णवी खुद भी हैरान थीं कि; समिति ने ऐसा कैसे प्रचारित कर दिया कि वे लावणी नृत्य पेश करेंगी?
हास्यास्पद स्थिति तब और निर्मित हो गई, जब मीडिया उनसे पूछ बैठी-‘आपने लावणी कब सीखा?’ वैष्णवी ने हैरानी से मुंह बिचकाया-‘लावणी, ये क्या होता है?’ जब उन्हें बताया गया कि वे भोपाल लावणी नृत्य करने ही तो आई हैं, तो उनका चेहरा देखने लायक था। समीप खड़े समिति के एक पदाधिकारी ने बात संभाली-‘यह पब्लिसिटी की त्रुटि है।’
रामसे ब्रदर्स की भूतिया फिल्म ‘वीराना (1985)’ से बतौर बाल कलाकार अपना फिल्मी करियर शुरू करने वालीं वैष्णवी अपने सरनेम को लेकर भी अजीब-सी हालत में रहती हैं। समस्या यह है कि; यदि वे अपने नाम के साथ सरनेम लगाती हैं, तो लोग उन्हें पहचान ही नहीं पाते। वैष्णवी पहले महंत सरनेम लिखती थीं। शादी के बाद वे ‘मैकडोनाल्ड’ हो गई हैं। दूसरों की छोड़िए, उन्हें खुद भी यह सरनेम अजीब-सा लगता है। वैसे वैष्णवी का घर का नाम भी कुछ अजीब ही है। वैष्णवी को घरवाले प्यार से रेब पुकारते हैं और वे अपनी बिटिया को मैग!
बहरहाल, वैष्णवी भोपाल की खूबसूरती से बेहद प्रभावित नजर आर्इं। उनके मुताबिक,‘ऐसे प्यारे प्राकृतिक नजारे, सुकूनभरा माहौल और हरियाली महानगरों में कहां देखने को मिलत है।’ वे दिल से बोलीं-‘मैं अपनी पूरी फैमिली के साथ एक बार भोपाल सैर करने अवश्य आऊंगी।’
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