बुधवार, 10 फ़रवरी 2010

विंदु दारा सिंह (बिग बॉस-तृतीय के विनर)


मुझे गुस्सा आ रहा है
गाड़ी अब तक क्यों नहीं मिली?

अमिताभ फरोग
‘बिग बॉस-तृतीय’ के विनर विंदु दारा सिंह इस ‘रियलिटी शो’ की जनक कंपनी ‘वायाकॉम-18’ से इन दिनों बेहद गुस्साए हुए हैं! कारण, बाजिव भी है-उन्हें बतौर प्राइज मिलने वाली शेवरले क्रूज गाड़ी अब तक नहीं सौंपी गई है। इस गाड़ी की कीमत करीब 12 लाख 75 हजार रुपए है।
आपने ‘बिग-बॉस-3’ के घर में विंदु दारा सिंह का गुस्सा तो देखा ही होगा? अगर आप समझते हैं कि विंदु बेवजह आगबबूला हो उठते हैं, तो यह 100 प्रतिशत सही नहीं है। दरअसल, विंदु को गुस्सा यूं ही नहीं आता? वे तब स्वयं पर काबू नहीं कर पाते, जब कुछ गलत होते देखते हैं। इन दिनों विंदु गुस्से में हैं, क्यों? विंदु मुस्कराते हुए जवाब देते हैं-‘बतौर प्राइज एक करोड़ रुपए के अलावा मुझे शेवरले क्रूज गाड़ी मिलनी थी, उसका आज तक कोई अता-पता नहीं है। समझ में नहीं आ रहा कि गाड़ी कब मिलेगी? मजेदार बात यह है कि गाड़ी की लांचिंग हो चुकी है और वह मार्केट में कई लोगों तक पहुंच भी गई होगी, लेकिन मैं अब तक उसके आनंद से वंचित हूं। अब आप ही बताइए, गुस्सा क्यों नहीं आएगा?’
विंदु प्राइज का गणित क्लियर करते हैं-‘कंपनी ने प्रतिभागियों से कान्ट्रेक्ट मनी साइन कराई थी। इसकी पैमेंट अवधि 45 दिन थी। यह पैसा तो मुझे मिल गया। बाकी प्राइज मनी एक करोड़ रुपए किश्तों में मिलनी है, जिसकी टोटल अवधि 75 डेज है।’
जैसा प्रचारित किया गया था,विंदु को पैसों की सख्त आवश्यकता थी, इसलिए वे ‘बिग बॉस’ के घर में आए? विंदु सहज भाव से बोलते हैं-‘पैसा तो हाथ का मैल है। मेरे लिए पैसा इतना महत्वपूर्ण कभी नहीं रहा, हां मैं एंजॉय करने बिग-बॉस के घर गया था।’
विंदु ने ‘बिग-बॉस’ के घर में कितना एंजॉय किया? वे हंसते हैं-‘बहुत बुरा खेल है। सारी इमेज मटियामेट कर देता है। शुरुआत में तो जैसे मेरे दिमाग ने काम करना ही बंद कर दिया था। समझ नहीं आ रहा था कि यहां क्या चल रहा है? इसलिए थोड़े बहुत झगड़े भी हुए, लेकिन उसके बाद मैंने खुद को संभाल लिया।’
विंदु ने ‘बिग-बॉस’ के घर से निकलने के बाद कैसा फील किया? वे राहतभरी सांस लेते हैं-‘84 दिनों के बाद बाहर आकर ऐसा लगा, जैसे जहन्नुम से निकलकर आया हूं। बुरे दौर से बाहर निकलने दोस्तों/परिवार के साथ खूब एंजाय किया।’
विंदु इस शो करीब 70 लाख वोटों से जीते हैं, जबकि ऐसा प्रचारित किया गया कि यह रियलिटी फिक्स था? वे दो टूक कहते हैं-‘मेरे दोस्तों की संख्या बहुत अधिक है।...और ऐसे-ऐसे यार हैं, जो मेरे लिए कुछ भी कर सकते हैं। मैं उन्हें कुत्ता-बिल्ला भी बोलूंगा, तब भी वो बुरा नहीं मानेंगे। मैं तो बोलूंगा कि पूरा देश मेरा यार है। इन्हीं दोस्तों के बूते मैं दावे से कहता हूं कि जितनी बार बिग बॉस के घर में जाऊंगा, विनर बनकर ही लौटूंगा।’
‘बिग बॉस’ के घर से अपने घर लौटने पर दारा सिंह की पहली प्रतिक्रिया क्या थी? विंदु हंसते हैं-‘वे हैरान होकर बोले थे-तू इतना रोता क्यों था? कहीं रोने की एक्टिंग तो नहीं करता था? दरअसल, उन्हें लगा था कि; शायद वहां कोई स्क्रिप्ट दी गई होगी। मैंने उनसे यही कहा था कि बिग बॉस का घर किसी जहन्नुम से कम नहीं है। फेजा फ्राई कर देता है, वहां का माहौल, बेहद डेंजर गेम है।’
विंदु को अकसर प्रॉपर्टी से बतियाते खूब पाया गया, यहां तक कि वे कमोड से तक बात करते थे? वे स्पष्ट करते हैं-‘मैं प्रॉपर्टी से नहीं; दर्शकों से बात करता था। वहां चौबीसों घंटे कुछ न कुछ अच्छा-बुरा घटता रहता था, लेकिन आप तक सिर्फ संपादित एक घंटे का एपीसोड ही पहुंचता था। ऐसे में दर्शकों में भ्रम पैदा होना स्वाभाविक है। मैं प्रॉपर्टी से बातचीत की ओट में इशारों ही इशारों में आपको 24 घंटे का हालचाल पहुंचाने का प्रयास करता था।’
विंदु बताते हैं कि शो से उन्हें काफी कुछ अनुभव मिले-‘रियली, मैं दिल से बुरा नहीं हूं। कुछ गलतियां की, लेकिन बहुत बुरा कुछ भी नहीं किया। मैंने तो शो की पूरी सीडीज तक नहीं देखीं, क्योंकि वहां मैंने जो किया, उसे देखकर मूड खराब हो जाता है।’

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