बुधवार, 24 सितंबर 2008

अब क्या कहूं?


बहुत कुछ अभी बाकी है मेरे दोस्त...

अमिताभ बुधौलिया 'फरोग'

1
बकरे की अम्मा अब खैर मनाएगी...
देखना बहुत जल्द इंसानों की बारी आएगी।
2
एक कुत्ता...
इंसानियत के चक्कर में इंसानों-सा मारा गया...
और
एक कुत्ता इंसानों के बीच...
इंसानियत में मारा गया।
3
नए-नए मुल्लाओं को भी अब प्याज से घिन आने लगी है...
क्योंकि...
प्याज नेतागिरी के काम आने लगी है।
4
नेताजी के भाषणों के बीच...
उनके मुर्गे-गुर्गे खूब ढोल बजाते हैं...
क्योंकि...
वे 'पोल' के पहले अपनी...
पोल खुलने से घबराते हैं।
और
नेताजी के भाषणों के बीच खूब ढोल बजते हैं...
क्योंकि...
वे जनता के सवालों का जवाब देने से बचते हैं।
5
गिद्दों पर संकट इसलिए आया है...
क्योंकि...
जरूर उनकी कौम में से किसी ने...
इंसान का मांस खाया है।
6
वे मोहल्लेभर में भोग बंटवा रहे हैं...
क्योंकि...
उनके मित्र मस्जिद गिराकर आ रहे हैं।
7
उन्होंने आज फिर बकरा कटवाया है...
क्योंकि...
एक और मंदिर टूटा है...
अभी-अभी ऐसा समाचार आया है।

2 टिप्‍पणियां:

Udan Tashtari ने कहा…

बेहतरीन..सटीक..वाह!

hradesh ने कहा…

bhaiya aapke yeh nazariya bhi dekhne ko mila hai bahut aacha laga