बुधवार, 9 दिसंबर 2009

एहसान कुरैशी ने लिया राजू श्रीवास्तव का इंटरव्यू





‘निठल्ली जिंदगी से ऊब गया था
अमिताभ फरोग
यह रोचक संयोग है कि दो कॉमेडियन ‘बिग बॉस’ के घर से पहले ही नॉमिनेशन में आउट हो गए। दोनों 62 दिन घर में रहे, लेकिन बाकी सदस्यों के बीच दोनों की केमिस्ट्री में बड़ा अंतर देखने को मिला। एक तटस्थ रहा, तो दूसरे ने विवादों को ‘एंज्वाय’ किया। ‘बिग बॉस-2’ के प्रतिभागी रहे एहसान कुरैशी ने ‘बिग बॉस-तृतीय’ से बाहर हुए राजू श्रीवास्तव से पूछे ‘शो’ से जुड़े खास लम्हे और जानी उनकी फीलिंग...

‘कलर्स चैनल’ के चर्चित रियलिटी शो ‘बिग बॉस-तृतीय’ से पहले ही नॉमिनेशन में बाहर हुए ‘स्टैंडअप कॉमेडी के किंग’ राजू श्रीवास्तव भले ही ‘बिग बॉस’ के खिलाफ मुंह नहीं खोल रहे, लेकिन उनकी चुप्पी कई सवाल खड़े करती है। हालांकि वे खुशी व्यक्त करते हैं-‘62 दिन परिवार और बच्चों से दूर रहा, यह एक दु:खभरा समय ही तो था! वहां रहकर महसूस हुआ कि; इस दुनिया में सिर्फ अपना परिवार ही आपका सच्चा हमदर्द होता है। पत्नी से बड़ा कोई साथी नहीं और बच्चों-सा कोई सहयोगी नहीं। उनके बगैर जीवन अधूरा-सा जान पड़ा।’
‘देश के आदेश’ को राजू शॉकिंग खबर अवश्य मानते हैं। उनके मुताबिक,‘मुझे बिलीव नहीं होता कि; देश में मेरे इतने चाहने वालों के होने के बावजूद मुझे कम वोट मिले? मुझे लगता है कि दर्शक अब इस शो का दूसरा रंग भी देखना चाहते हैं। मैं यही कहूंगा कि; बात बिग बॉस के घर की हो, या आम जिंदगी की; हर जगह धैर्य बहुत जरूरी है। कोई चुगली करे, बिचिंग करे, तो दोनों पक्षों की सुने बगैर किसी फैसले पर पहुंचना बेवकूफी है।’
राजू बुरे वक्त का कुछ यूं बखान करते हैं-‘वहां आपकी जिंदगी निठल्ली हो जाती है। सुबह उठे, चाय पी, नाश्ता किया, खाना खाया, शाम हुई फिर डिनर किया और सो गए! वहां कोई किसी का मीत नहीं, कोई किसी का दोस्त नहीं। सब पैसे के पीछे भागते हैं, जीतने के लिए तिकड़में लड़ाते हैं। नकाब ओढ़े घूमते हैं, फिर भी अपना चरित्र बचा नहीं पाते। इंसानियत भूल जाते हैं।’
घर की दो महिला सदस्यों द्वारा हंसी-ठिठोली में नेकर उतारने की घटना पर राजू दार्शनिक नजरिया अख्तियार करते हैं-‘लड़कियों ने जो किया; वो उनके संस्कार थे, मैंने उन्हें क्षमा किया; यह मेरी परवरिश थी। वैसे भी यहां क्रिया की प्रतिक्रिया तो संभव थी नहीं, इसलिए चुप रहना ही मुनासिब समझा। हां, यह जानकर अवश्य आश्चर्य और हैरानी हुई कि; चैनल ने इस घटना की वीडियो क्लिपिंग मीडिया को उपलब्ध करा दीं। यह बिग बॉस की हरकत है। दरअसल, जो कुछ हुआ; वह मजाक था और लड़कियों को नहीं मालूम था कि मैंने नेकर के नीचे कुछ नहीं पहना है। हम सब यही समझ रहे थे कि; बिग बॉस इस घटना को प्रचारित/प्रसारित नहीं करेंगे, लेकिन उन्होंने टीआरपी के चक्कर में यह औछा कदम उठा लिया।’
कमाल खान से हुई ‘तू-तू, मैं-मैं’ पर बोलते वक्त राजू ‘अहिंसावादी शैली’ अपनाते हैं-‘मैं लड़ाकू नहीं हूं, इसलिए कमाल खान का गांधीवादी तरीके से विरोध किया। वे गाली बकते रहे, मैं सेम टू यू रिपीट करता रहा। हां, इतना अवश्य कहूंगा कि वो अच्छा कैरेक्टर नहीं है। उसे मैं कभी नहीं समझ पाया। विंदू मुझे साफ दिल लगता है।’
राजू मानते हैं कि वे ‘बिग बॉस’ का ‘गंदा खेल’ भी सफाई से खेले। वे दो टूक कहते हैं-‘मुझे खुशी है कि; मैं घर में दुश्मन बनाकर नहीं आया। मैं एक सीधा-सादा इंसान हूं, आलतू-फालतू बातों में नहीं पड़ता। हालांकि यह भी सच है कि; वहां कोई गहरा दोस्त भी नहीं बना। वैसे अब घर में झगड़े बढ़ने की आशंका प्रबल है।’
विनर कौन होगा? इस सवाल पर राजू विश्लेषण करते हैं-‘विंदू और पूनम सेफ खेल रही हैं। फिर भी कुछ नहीं कहा जा सकता।’
राजू ‘बिग बॉस’ में अपने यादगार लम्हे पर फोकस करते हैं-‘पहले हफ्ते में मैं मामा बना था। वह कैरेक्टर मुझे बेहद अच्छा लगा था। जब मैं मेंटल पेंशेंट बना, तब नई अनुभूति हुई। मैं अपने कैटवाक पर खूब हंसा था। जैक एंड जिल का मैंने भोजपुरी रीमिक्स बनाया था-जैकवा एंड जिलवा। वह विंदु को बहुत पसंद आया।’
आगे की प्लानिंग? राजू कहते हैं-‘कुछ दिन परिवार के साथ सुकून से गुजारूंगा, उसके बाद फिर अपने काम में व्यस्त हो जाऊंगा। तमाम ऑफ़र आए हैं। कुछ फिल्मों के भी हैं। वैसे लाइव शो मेरा फर्स्ट लव है।’
बिग बॉस भ्रष्ट और हिटलर हैं : एहसान
पहले ही नॉमिनेशन में ‘बिग बॉस’ के घर से राजू श्रीवास्तव के आउट हो जाने पर एहसान कुरैशी भी हैरान हैं। वे शंका जाहिर करते हैं-‘संभवत: राजू इस शो के सबसे महंगे प्रतिभागी थे, इसलिए भी उनका बाहर होना हैरानी पैदा करता है। मुझे तो लगता है कि; कंपनी ने जिस प्रतिभागी से सीक्रेट एग्रीमेंट किया होगा, वही विजेता रहेगा। कंपनी कभी यह नहीं बताती कि आपके लिए कितनी वोटिंग हुई।’ एहसान बिग बॉस पर खुलकर इल्जाम मढ़ते हैं-‘किसको कितने वोट मिले, एक-दो, दस, हजार, 10 हजार; बिग बॉस को इसका खुलासा करने में आपत्ति क्यों होती है? यह पारदर्शिता का खेल नहीं है। बिग बॉस भ्रष्ट और हिटलर हैं।’
राजू और एहसान में अंतर? एहसान खुलकर बोलते हैं-‘जब बिग बॉस को लगता है कि; फलां प्रतिभागी से मसाला नहीं मिल रहा, तो वे षड्यंत्र पैदा करके उसे बाहर का रास्ता दिखा देते हैं। आप चाहकर भी बीच में गेम छोड़ नहीं सकते, वर्ना आपको एक पैसा भी नहीं मिलेगा। कंपनी ने मुझे एक कॉमेडियन की हैसियत से बुलाया था। उसे उम्मीद थी कि; मैं चौबीसों घंटे मनोरंजन करता रहूंगा, लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया। मैंने गंभीरता ओढ़े रखी, खेल का अंग नहीं बना। शो की टीआरपी बढ़ाने जो मसाला चाहिए था, बिग बॉस को मुझसे ऐसा कुछ हासिल नहीं हुआ। मैंने चमचागीरी नहीं की, आखिर शो को उठाने का अकेले मैंने ठेका नहीं ले रखा था? इसलिए मेरा निकलना ठीक था, लेकिन राजू खेल का हिस्सा बने। टीआरपी बढ़ाने जो बन सका उन्होंने किया, फिर भी वे पहले ही नॉमिनेशन में बाहर हो गए; यह बात तमाम शंकाओं को जन्म देती है।’

1 टिप्पणी:

Murari Pareek ने कहा…

waaah ji bahut sundar jaankari di waise hame to maukaa hi nahi miltaa BIG B dekhanee kaa apke lekh se bahut si khabron se khabardaar ho gayaa dhanywaad !!!