ईशु ने सच्चा रास्ता दिखा दिया है
अमिताभ फरोग
यह सचमुच किसी चमत्कार जैसा है कि; एक लड़की जिसने 8 वर्ष की उम्र में रामसे ब्रदर्स की सबसे चर्चित भूतिया फिल्म ‘वीराना(1985)’ से डरते-डरते अपना सिनेमाई सफर शुरू किया, उसके दिल से स्वयं प्रभु ईशु ने दुनियाभर के तमाम ‘डर’ निकाल दिए हैं। करियर के कई उतार-चढ़ाव के बाद अचानक वैष्णवी की जिंदगी में कुछ ऐसा घटित हुआ कि; वे आध्यात्मिक हो गर्इं। वे अपना जीवन दार्शनिक अंदाज में जीती हैं-फिल्में करती हैं, सीरियल करती हैं और इन सबके बीच से अच्छा-खासा वक्त निकालकर प्रभु ईशु के सुझाए रास्ते पर चलकर सोशल वर्क भी करती हैं। ‘भोपाल उत्सव मेले’ में आयोजित सांस्कृतिक संध्या में अपनी डांस/सिंगिंग प्रस्तुति देने आर्इं वैष्णवी ने खोलीं अपने जीवन में आए बदलाव की परतें...
‘थैंक्स टू क्राइस्ट! उन्होंने मुझे जीवन का उचित रास्ता दिखाया। प्रभु ईशु के प्रति मेरी आस्था हालांकि 17 वर्ष पहले जागृत हुई थी। उस वक्त मेरी फिल्मों में एंट्री ही हुई थी। तब कुछ ऐसा घटित हुआ कि; मैं उन्हीं के बताए रास्ते पर चल पड़ी, लेकिन करीब साढ़े तीन साल पहले मैं पूरी तरह से उनकी भक्त हो गई। मुझे लगता है कि; परमेश्वर ही मुझे अब मेरी मंजिल की ओर ले जा रहा है। मुझमें आत्मविश्वास जागृत हो गया है। अब कह सकती हूं कि मेरे लिए अब कुछ भी असंभव नहीं है।’
वैष्णवी जीसस और अपने बीच में किसी को नहीं आने देतीं। वे बताती हैं-‘इसी 31 दिसंबर को मेरे पास न्यू ईयर सेलिबे्रशन के ढेरों ऑफ़र आए, लेकिन मैंने साफ मना कर दिया, क्योंकि वह समय मैं जीसस की प्रेयर में बिताना चाहती थी। इसे आप संयोग कहें या चमत्कार; इस एक हफ्ते में मुझे दो फिल्मों के आफर्स मिले हैं। यही नहीं, लंबे समय से अटका पड़ा डीडी चैनल के मेरे एक शो का पायलट भी पास हो गया है। इसमें मैं लीड कैरेक्टर में हूं। इसकी शूटिंग फरवरी में शुरू होगी।’
वैष्णवी धर्मशास्त्रों के अलावा ‘दर्शन’ में भी रुचि रखती हैं। क्या वे दार्शनिक हो चुकी हैं? वैष्णवी उपदेशमयी शैली में बोलती हैं-‘हो सकता है कि मेरी बातें सुनकर लोगों सोचते हों कि; यह बहुत फिलॉस्फी झाड़ रही है, लेकिन सत्य यही है कि; जो लोग स्प्रीचुअल होते हैं, वे फिलास्फर हो ही जाते हैं।’
तमाम व्यस्तताओं के बावजूद वैष्णवी सोशल एक्टिविटी के लिए वक्त अवश्य निकालती हैं। वे बताती हैं-‘मुझे लगता है कि; हमें कभी यह नहीं’ सोचना चाहिए कि अकेले हम क्या कर सकते हैं? मैं अपनी ओर से कोशिश रही हूं। मेरी एजुकेशन कम्प्लीट नहीं हो सकी, इसलिए मैं बच्चों की एजुकेशन पर अधिक वर्क कर रही हूं। मेरा मानना है कि यदि देश को आगे ले जाना है, तो बच्चों का पढ़ा-लिखा होना बेहद जरूरी है। मैं हेल्पस ऑफ जीसस संस्था से जुड़ी हुई हूं। यह ओल्ड एज होम और अनाथ आश्रम संचालित करती है। हम वर्सोवा(मुंबई) में एक बालवाड़ी खोलने जा रहे हैं, जिसमें 200 बच्चों की परवरिश और एजुकेशन होगी। आपको जानकर हैरानी होगी कि ये बच्चे बिलकुल भी पढ़ना-लिखना नहीं जानते। भोपाल की एक संस्था बेटी बचाओ आंदोलन के रूप में अच्छा कार्य कर रही है। मेरा मानना है बेटियां भी बेटों से कम नहीं होतीं। ऐसे तमाम मुद्दे हैं, जिन पर काम करना मुझे सुकुन देता है। मैंने न्यूट्रिशियन का कोर्स किया है। इसलिए संभव है कि सोशल सर्विस के रूप में इस योग्यता का इस्तेमाल भी करूं।’
13 वर्ष पहले दूरदर्शन के सीरियल ‘शक्तिमान’ में रिपोर्टर गीता विश्वास के रूप में बच्चों में लोकप्रिय हुर्इं वैष्णवी अनुपम खेर और रघुवीर यादव जैसे मझे हुए कलाकारों के साथ फिल्म ‘सांचा’ में बेहद गंभीर रोल में नजर आएंगीं। वे उल्लासित होकर बोलती हैं-‘यह रोल मिर्च-मसाला की स्मिता पाटिल-सरीखा है, बस टेक्सचर, लुक डिफरेंट है। यह मूवी यूपी के र्इंट भट्टों में कार्य करने वाले मजदूरों की जिंदगी पर बन बनी है। फिल्म बहुत अच्छी है। इसके लिए मुझे बहुत मेहनत करनी पड़ी। कई दिनों वर्कशॉप हुई, जिसमें कैरेक्टर की खूबियां सिखाई गर्इं।’
वैष्णवी सबटीवी के लिए एक कॉमेडी शो भी कर रही हैं। वे दार्शनिक लहजे में बोलती हैं-‘वैसे हरेक किरदार एक चैलेंज होता है, यदि उसे आप शिद्दत से निभाएं। फिर भी कॉमेडी करना बेहद टफ है। इसमें टाइमिंग का खासा महत्व होता है। यह शो बहुत जल्द आपको देखने को मिलेगा।’
वैष्णवी आमिर खान से बहुत प्रभावित हैं-‘ही इज माई रोल मॉडल। वे वाकई में हिस्ट्री मेकर हैं।’
मूलत: मध्यप्रदेश की वैष्णवी हैदराबाद में पली-बढ़ी हैं। वे चहकती हैं-‘मेरे पिता ईश्वर महंत दुर्ग में रहे हैं। मैं भोपाल की खूबसूरती देखकर बहुत खुश हूं। सोच रही हूं कि किसी दिन फैमिली के साथ यहां कुछ दिनों के लिए घूमने-फिरने आऊं।’ वैष्णवी का अंतिम लक्ष्य क्या है? वे फिर दार्शनिक शैली अपनाती हैं-‘मैं तो बस परमेश्वर के बताए रास्ते को फॉलो कर रही हूं। उनकी कृपा रही तो अच्छी मूवी भी मिलेंगी और अवार्ड भी।’
वैष्णवी ने ‘सहारा वन’ के रियलिटी शो ‘सास वर्सेज बहू’ में ‘बेस्ट डांस सीरिज’ का खिताब जीता था। -वैष्णवी को बचपन में बेबी स्वाती के नाम से जाना जाता था। -वैष्णवी ने सीरियल छोटी मां और भास्कर भारती जैसे सीरियल भी किए हैं।
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