गुरुवार, 28 जनवरी 2010

दिव्यंका त्रिपाठी (टेलीविजन अभिनेत्री)


मैं ‘गुमनाम’ होना चाहती हूं
अमिताभ फरोग
जीटीवी के सीरियल ‘बनूं मैं तेरी दुल्हन’ के जरिये घर-घर में खासी लोकप्रिय हुर्इं दिव्यंका फिलहाल सारे बड़े ऑफर्स ठुकरा रही हैं, क्योंकि उनकी ख्वाहिश है कि लोग विद्या को अपने दिमाग से बिसरा दें। जिस दिन ऐसा हो जाएगा, दिव्यंका एक नये ‘चरित्र’ में ‘दर्शन’ देंगी! क्यों चाहती हैं, दिव्यंका ऐसा? दार्शनिक नजरिये से उन्हीं की जुबानी...

दिव्यंका सिर्फ सूरत से नहीं; दिल से भी बेहद खूबसूरत, सौम्य और सरल हैं। ऐसा उनके करीबी बोलते हैं। इसकी एकाध नहीं; तमाम वजहें हैं। इन दिनों दिव्यंका अपने घर आई हुई हैं। उन्होंने मुंबई में एक शानदार फ्लैट खरीदा है। उसके इंटीरियर पर वर्क चल रहा है। वहां उनके मित्र इसकी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं और यहां भोपाल में दिव्यंका घर सजाने शॉपिंग कर रही हैं। भला भोपाल से शॉपिंग क्यों? दिव्यंका आश्चर्य मिश्रित प्रतिक्रिया देती हैं-‘भला भोपाल से शॉपिंग क्यों नहीं? भोपाल में क्या नहीं मिलता! फ्री हूं, सोचा घर चलती हूं, वहीं से खरीदारी भी हो जाएगी।’
दिव्यंका ने मुंबई में जो फ्लैट खरीदा है, उसे वे अपनी मम्मी को बतौर सरप्राइज गिफ्ट देना चाहती हैं। यह अक्खा मुंबई और भोपाल में उनके सभी करीबी भली-भांति जानते हैं, लेकिन यह बहुतों को नहीं पता होगा कि दिव्यंका ने अभी तक नये इंटीरियर के साथ घर के फोटोग्राफ्स अपने मम्मी-पापा को नहीं दिखाए हैं, कारण? दिव्यंका एक लाड़ली बिटिया के तौर पर बोलती हैं-‘मैं उन्हें सरप्राइज देना चाहती हूं। यह उनके प्रति मेरे अपार प्यार जताने का एक जरिया है। हालांकि मम्मी-पापा ने फ्लैट देखा हुआ है, लेकिन नया इंटीरियर कैसा है, इसकी जानकारी उन्हें नहीं है।’
लंबे ब्रेक की वजह? वे साफगोई से बोलती हैं-‘मैं तीन साल लगातार काम करते-करते थक चुकी थी। सोचा थोड़ा आराम कर लूं।’
यह लंबा ब्रेक कहीं दिव्यंका को गुमनाम न कर दे? दिव्यंका दार्शनिक लहजे में धाराप्रवाह बोलती हैं-‘ऐसा बिलकुल नहीं है। फिल्म और टेलीविजन दोनों लाइनों में यही तो फर्क है। फिल्मों में आउट ऑफसाइट का मतलब आउट ऑफ माइंड भी होता है। मैं आउट ऑफ साइट अवश्य हुई हूं, लेकिन आउट ऑफ माइंड नहीं। वैसे सच कहूं तो, मैं चाहती भी हूं कि लोग विद्या को पूरी तरह से भूल जाएं। लोग यह भूल जाएं कि दिव्यंका कभी किसी सीरियल में आई थी। यदि लोग विद्या को नहीं भूलेंगे...बनूं मैं...को नहीं बिसराएंगे, तो वे मुझमें वैसी ही छवि ढूंढने की कोशिश करेंगे और न मिली; तो निराश होंगे। इसलिए मैं गुमनाम होना चाहती हूं। मीडिया से भी इसी वजह से दूरी है। मैं अकारण पब्लिसिटी नहीं चाहती। मुझे ग्लैमर की कोई भूख नहीं है। मुंबई ही क्यों, मैंने भोपाल में भी अपने बड़े-बड़े होर्डिंग देखे हैं, इन सबसे अब उकता चुकी हूं। कुछ नया करना चाहती हूं, इसलिए इन दिनों ब्रेक लिया है।’
दिव्यंका खुलासा करती हैं-‘मेरे पास लगातार बड़े ऑफर्स आते रहते हैं। बिग बॉस, नच बलिए जैसे रियलिटी शो के अलावा स्टेज प्रोग्राम्स के लिए भी मुझसे कान्टेक्ट किया जाता रहा है, लेकिन मैंने इनकार कर दिया। ऐसा नहीं है कि प्रोड्यूसर या डायरेक्टर के पास कोई दूसरी च्वाइस नहीं है या मेरे पास काम नहीं है, यहां मामला आत्मसंतुष्टि का है। हम दोनों को एक-दूसरे की आवश्यकता है। मुंबई स्वीट सिटी है। वहां लोग ईगो लेकर नहीं बैठते। इसलिए प्रॉब्लम जैसी कोई चीज नहीं है। दरअसल, मैं सिर्फ और सिर्फ पैसा कमाने के लिए काम नहीं करना चाहती। कह लीजिए, मुझे अच्छे काम से संतुष्टि मिलती है।’
ब्रेक के बाद फिल्म या टेलीविजन, कहां ‘दर्शन’ देंगी दिव्यंका? दिव्यंका शब्दों को खूबसूरती से पिरोती हैं-‘मैं कुछ भी प्लान नहीं करती। बनूं मैं...अचानक मिला और आगे भी जो कुछ होगा अकस्मात ही होगा। मैं जो भी करती हूं एक झटके में करती हूं। इसलिए भविष्य के बारे में अभी से नहीं बता सकती। हां, इतना अवश्य कहूंगी कि मैं सिनेमा या टेलीविजन में भेद नहीं करती, बस काम अच्छा होना चाहिए। मैं उदाहरण देना चाहूंगी-मेरे पास लोकल से भी एक आॅफर आया है। मेरे एक बहुत करीबी हैं, जिनके साथ भोपाल में काफी काम किया है, वे एक अच्छी कहानी लिख रहे हैं। अगर उस वक्त मैं खाली रही, तो आपको भोपाल दूरदर्शन पर भी दिख सकती हूं।’

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